Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -14-Dec-2023

शीर्षक - रफूचक्कर कहानी एक गांव रामगढ़ की है वैसे तो रामगढ़ एक गांव था परंतु आधुनिक युग के हिसाब से वह एक कस्बा तहसील के रूप में बदल गया वहां के जमींदार की लड़की शालिनी बहुत ही सुंदर तेज तर्रार और स्वार्थी किस्म की आदत की थी कहते हैं ना की शेर को सवासर जरूर मिलता है शालिनी की आदत थी वह अपने पैसे और सुंदरता का बहुत गुरुर करती थी और कॉलेज की लड़कों को वह कई बार बेवकूफ बनाया करती थी और कई बार अपनी सहेलियों के साथ लड़को के साथ शर्त लगाकर और उनको बेइज्जत कर देती थी बस ऐसे ही वह अपना जीवन और अपने गुरूर और रोब में जिंदगी की रही थी। जमीदार राम सिंह अपनी बेटी शालिनी इस आदत से बहुत परेशान था और शालिनी जवानी के गरुर में गदराए बदन की मांसल देह वाली शालिनी अपनी आदतों की वजह से मोहल्ले पड़ोस के कई लड़कों की नजर में दुश्मन बन चुकी थी क्योंकि शालिनी शहर से पढ़कर गांव भी आती थी और वह गांव के लड़कों पर शहर की पढ़ाई और रूतबे का रोब जमाती थी। यही नहीं शालिनी अपनी बदतमीजी के लिए अपने पैर दबाना या गांव के लड़कों से मालिश करवाना शरीर की यह उसकी एक शौक और आदत थी। जमीदार राम सिंह को यह सब पसंद नहीं था फिर भी एक इकलौती लड़की होने के कारण वह सब सहन करता रहता था और कभी सोचता था कभी कोई मेरी बेटी के साथ ऊंची नीच ना कर दे बस दिन गुजरते रहे गांव में एक सड़क बनाने के लिए एक इंजीनियर शहर से आया नाम था रवि और रवि भी अच्छा सुंदर प्राइवेट रूप से ठेकेदार था और रवि का परिचय वह अनाथ था और अनाथालय में रह कर ही पड़ा था इसलिए उसे किसी से प्रेम मोहब्बत और ना रिश्ते नाते की कोई वजह न थी और वह गांव में किराए के मकान में रहने के लिए मकान ढूंढते ढूंढते जमीदार राम सिंह के घर पहुंच जाता है। और जमींदार राम सिंह रवि को ठेकेदार के रूप में समझकर और सड़क की अच्छी भलाई के लिए सड़क बनाने की बात को समझ कर अपने घर में एक मेहमान खाना खोल देता है और कहता है कि खाने पीने के लिए कोई कमी हो तो बता देना और दोनों में किराए नामे को लेकर किराया तय हो जाता है। रवि भी एक अययाश किस्म का युवक था। राम सिंह से बात कर कर घर से निकल रहा था तब उसकी मुलाकात जमीदार की बेटी शालिनी से होती है और दोनों की नजरे मिलती हैं शालिनी भी उसे देखते हैं और रवि भी उसे देखता है दोनों में नजरों की शुरुआत होती हैं। अभी रवि को मालूम नहीं था कि यह जमीदार की लड़की है और शालिनी को भी नहीं मालूम था कि यह हमारे यहां किराएदार और सड़क बनाने का ठेकेदार है कुछ दिनों बाद रवि अपना सामान लेकर जमीदार के घर मकान में आ जाता है और सड़क का काम गांव में शुरू हो जाता है अब रवि रोज रात को कमरे में बैठकर शराब पीना और तरह-तरह का खाना खाना चलता रहता था और एक दिन शालिनी उसके साथ मुलाकात करने रात को उसके घर कमरे पर पहुंच जाती है और कहती है यह हमारा घर है और हम यहां की शहजादी हैं रवि सुनकर उसका स्वागत करता है और पीने के लिए वीयर और शराब देता हैं। शालिनी तो शहर से ही बिगड़ी हुई थी और वह भी पी लेती है और दोनों इश्कबाजी करने लगते हैं। समय बीतता है रवि की नजर तो शालिनी पर थी। और सड़क का काम भी पूरा होने वाला होता है। बस रवि मौके का फायदा उठाकर शालिनी के साथ हम बिस्तर हो जाता है और सुबह की गाड़ी पकड़ कर रफू चक्कर हो जाता है और रफू चक्कर होने के साथ-साथ अपना सारा सामान भी साथ ले जाता है और कोई पता कोई ठिकाना नहीं होता है शालिनी जब सुबह उसके मकान पहुंचती है तो अपने को थका से महसूस करती है और वह समझ जाती है कि रवि रफूचक्कर चुका था और मेरी इज्जत बस चुपचाप रह जाती हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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6 Comments

Rupesh Kumar

18-Dec-2023 07:41 PM

Nice

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Khushbu

18-Dec-2023 05:06 PM

Nyc

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kashish

17-Dec-2023 09:21 AM

👌

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